मित्रों बाबा रामदेव के आन्दोलन का दमन करने के बाद भी इस भ्रष्ट सरकार को अपने किये पर कोई शर्म नहीं है| इस बर्बरता पूर्ण कृत्य के लिए हमे सरकार से जवाब माँगना था लेकिन जवाब मांगने वाले पर अब कानूनी डंडे घुमाए जा रहे हैं|
कांग्रेस की तरफ से किराए पर भौंकने वाले नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अपना गन्दा मूंह खोला है| दिग्गी का कहना है कि अब बाबा रामदेव पर Money Laundering Act के तहत कार्यवाही होगी| यह Act अवैध संपत्ति रखने वालों के विर्रुद्ध कार्यवाही करने के लिए बनाया गया है|
मतलब इन भ्रष्ट कांग्रेसियों को बाबा का जायज़ धन तो दिख रहा है किन्तु हमारे खून पसीने की कमाई को चूस कर भ्रष्ट नेताओं द्वारा अवैध रूप से विदेशी बैंकों में जमा किया हुआ धन नहीं दिखता| बाबा का आन्दोलन काले धन को भारत में वापस लाने के लिए था और उल्टे दिल्ली में बैठी भ्रष्ट सरकार ने ही इस पर कोई कार्यवाही करने के बजाय मुद्दे से भटक कर बार बार पहले बाबा रामदेव की संपत्ति की जांच करवाई| बाबा रामदेव के द्वारा संपत्ति का पूरा ब्यौरा देने के बाद भी इन्हें जांच करनी थी| बाबा रामदेव ने अपने ट्रस्ट की सारी संपत्ति का ब्यौरा दे दिया| बाबा रामदेव ने बताया कि इनके चार ट्रस्टों का कुल व्यवसाय ११७७.२१ करोड़ रुपये है| इन ट्रस्टों की कुल पूँजी ४२६.१९ करोड़ रुपये है जबकि खर्च ७५१.०२ करोड़ रुपये है|
जब सारी संपत्ति बता दी गयी है तो फिर बाबा रामदेव पर यह क़ानून क्यों लगाया जा रहा है? कांग्रेस बार बार मुद्दों से क्यों भटका रही है? इससे तो यह और भी साफ़ है कि विदेशों में जमा सारा काला धन इसी भ्रष्ट पार्टी का है| अब तो स्थिति यह है कि जो सरकार से हिसाब मांग रहा है उसे ही क़ानून का भय दिखाया जा रहा है| क्या हिसाब मांगने का अधिकार केवल कांग्रेस का ही है? क्या इसीलिए इस भ्रष्ट व देशद्रोही पार्टी को सत्ता सौंपी थी?
और तो और आयकर विभाग के साथ साथ अब सीबीआई को भी कांग्रेस ने अपना पालतू कुत्ता समझ कर बाबा रामदेव के पीछे छोड़ दिया है| आखिर एक सन्यासी की इतनी जुर्रत कैसे हुई कि वह इनके भ्रष्ट साम्राज्य को चुनौती देने चला आया?
अब भी यदि कुछ मूर्खों को बाबाजी के विरुद्ध कोई बुद्धूजीवी बयानबाजी सूझ रही है तो इनसे बड़ा मुर्ख कोई नहीं| अभी तो राम लीला मैदान में घुस कर पुलिस रुपी गुंडों से पिटवाया था, अब भी नहीं चेते तो घरों में घुस कर मारेंगे| फिर करना फेसबुक पर बयानबाजी ब्लडी बाबा, फर्जी बाबा या व्यापारी बाबा|
इस सरकार को देश को लूटने के लिए सत्ता नहीं सौंपी थी| यदि कहीं भ्रष्टाचार है तो उस पर कार्यवाही करने की बाबा रामदेव की मांग को स्वीकार करना चाहिए था| परन्तु बाबा रामदेव पर इस प्रकार सभी दिशाओं से हमला करके तो इस सरकार ने यह विश्वास दिला दिया है कि लूटा हुआ धन कुछ नेताओं का नहीं अपितु पूरी सरकार का है| और खासकर इनकी राजमाता सोनिया का, क्यों कि इनकी परमिशन के बिना तो कांग्रेसी सुबह संडास तक नहीं जाते तो इतने घोटाले भला कैसे कर देते...
बाबा रामदेव पर निरंतर भौंकने वाले नेता दिग्विजय क्या यह बताएंगे कि सोनिया व राहुल अभी स्विट्ज़रलैंड किसके बाप की शादी में गए थे?
अलख जगाये रखिये.... जब तक एक-एक सोता व्यक्ति जग नहीं जायेगा तब तक चैन से नहीं बैठना.
ReplyDeleteवन्देमातरम
आप भी सुबह सुबह कैसी बातें कर रहे हो दिवस भाई भला कोई ये बता सकता है की उसके बाप ने अभी अभी स्विट्जर्लेंड में दूसरी शादी रचाई है उसी की शादी में अपनी पुरानी मम्मी व भैया वहाँ गए थे, यार अपनी बेइज्जती महसूस कर रहे होंगे तभी नहीं बता पा रहें हैं.. चलो देर सवेर सुब्रमण्यम स्वामी जी बता ही देंगे. वैसे एक अच्छा लेख दिया है कभी ना कभी तो हमारे कानो पर जून रेंगेगी,....
ReplyDelete.
ReplyDeleteसरकार भयभीत है । भयभीत होने का कारण है है उसके अपने कुकर्म. (घोटाले और बर्बरता) । अपने अनुचित कृत्यों पर पर्दा डालने के लिए वो मीडिया और जनता को उलझाए रखना चाहती है। लेकिन मूर्ख ही उलझते हैं। जागरूकता के इस काल में सबको सब समझ आता , जो न समझे वो कांग्रेसी है। जब चींटी की मृत्यु निकट होती है तो उसके पर निकल आते हैं । तख्ता पलटने का वक़्त आ गया है।
भारत का स्वाभिमान अमर रहे
वन्देमातरम ।
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मुझे लगता है की दुग्गी को बवासीर वाले पागल कुत्ते का खून चढ़ा दिया होगा इसलिए इसकी ये हालत हुई है, हमे उसके साथ सहानुभूति बरतनी चाहिए क्यूंकी वैसे तो बवासीर नीचे होता है लेकिन इस दुग्गी को दिमाग़ मे हो गया है, और साथ मे पागल कुत्ते का खून
ReplyDeleteईस लेख के लिए लेखक को कोटि कोटि धन्यवाद . !!
दिवस भाई ! क्या सरकार को जैस तैसे वोट को इकट्ठा करके सरकार बना कर उसको मनमर्ज़ी करने की छूट दी जा सकती है ? आख़िर जनभावना का ख्याल सरकार क्यो नही करती ? क्या जनभावना को सरकार समझने असफल रहती है ? फिर जनता क्या करे ? अगर सदकॉ पर शांति पूर्वक उतरने पर भी रामलीला मैदान की तरह उसको अपने हाथ पैर तुड़वाने पड़ते है ? फिर जनता क्या करे? क्या सरकार के ज़ुल्म सहती रहे? बस मात्र 5 साल मे एक बार वोट देकर सोती रहे ? सरकार कोई भी हो ? पता नही क्यो सरकारें अपने को भगवान- सा समझनेलगती है ? जैसे भगवान के सामने जनता असहाय सी रहती है , भगवान का कुछ भी नही कर सकती मात्र -विधवा विलाप करके रोना ही उसकी जिंदगी मे रहता है ! बस ऐसा ही सरकारों के समक्ष भी जनता करती रहे, यही सरकारों की मंशा रहती है ! क्या जनता इसके लिए राज़ी है ? यह तय करना जनता का काम है ?" जिंदा कौमे 5 साल तक इंतजार नही करती " अब जनता तय करे उसको जिंदा क़ौम बनना है या मुर्दा-सी असहाय जनता ?
ReplyDeleteहर तरह से दमन की नीति अपनाई जा रही है......
ReplyDeleteये कांग्रेस की हताशा भरे कार्यवाई है ......और कांग्रेस का यही इतिहास रहा है
ReplyDeleteहमें कॉन्ग्रेस तांड़व करती प्रतीत हो रही है पर वस्तुतः वह भय से कांप रही है।
ReplyDeleteदिवस जी आप ने एकदम सही लिखा है ...मेरा सभी से अनुरोध व् निवेदन है कि सभी एक होकर बिना किसी देरी के इनका विरोध शुरू कर दें व् इन कुत्तो का इलाज एक ही है वो है कि इनका पुनर्जन्म करना पड़ेगा और वो हम सभी को करना है ....सभी से आशा रखता हूँ कि बातो का समय नहीं है .....इनसे जबाब मांगो ...नहीं तो कल को यही लोग हम सभी कि भी जांच शुरू कर देंगे |.....अत: इनको इनकी नानी याद दिला दो चाहे इसके लिय ...जान ही क्यों न गवानी पड़े .....सभी हरिद्वार चलकर योग शिविरों में भाग लो व् स्वामीजी का साथ दो
ReplyDeleteye srkar apni antim ghdiyan gin rahi he diya bhujne se pehle ek baar fadfdaega jarur antim smye najdik he is srkar ka
ReplyDeleteकाँग्रेस ने तो अति कर दी है और अति हर चीज की बुरी होती है .अब इस कांग्रेस का अंतिम समय आ गया है .
ReplyDeletesatya pareshan ho sakta hai, prajit nahi, cangresh ne desh ke sath gaddari ki hai, ye desh ke dalal hai, desh ke dalalo ko juta maro salo ko.
ReplyDeleteदिवस भाई, ये दिग्गी लादेन तो पागल हो गया.
ReplyDeleteअभी हाल ही मेरे एक दोस्त (जो ऍम. पि. )ने एक बहुत पुरानी घटना बताई थी,की जब वो ७-८ साल के थे, तब उन्होंने अपनी आँखों से अपने एक जानकार को दिग्गी लादेन को दारु की बोतल रिश्वत में देते हुए देखा था. तब तो वे ये भी नहीं जानते थे की दारु होती क्या है ?
ये दिग्गी लादेन तो राजनीति के बचपन से ही घूसखोर और हरामखोर था, इससे उम्मीद भी क्या करोगे..
और ये क्या, कांग्रेस का तो हर एक आदमी और औरत के खून में घूसखोरी भरी पड़ी है..
मीडिया को इन्होने अपने फायदे के लिए खरीद रखा है.. ये कलयुगी कंस हैं...
ये कांग्रेस की हताशा भरे कार्यवाई है
ReplyDeleteबागड़ बिल्ले
प्यारे पिल्ले --
पुचकारो तो
जूती चाटें--
डाटें तो फिर
चिल्लम-चिल्ले ||
रैबीज सुई
बेकार हुई
चौदह से घट
कर चार हुई
मिले चिकित्सक
ढिललम- ढिलले ||
वाह रविकर जी क्या खूब कहा आपने ! सत्य वचन !
ReplyDeleteआदरणीय मदन शर्मा जी आपकी चिंता जायज़ है| सरकार को ऐसा कोई अधिकार नहीं है| किन्तु सरकार नहीं चाहती कि जनता को जनता के अधिकार पता चलें| नहीं तो इनकी सताएं बिखर जाएंगी|
ReplyDeleteइन्होने ऐसा भ्रम फैला रखा है कि जनता समझ ही नहीं पा रही थी कि हो क्या रहा है?
किन्तु अब इनका समय समाप्त हो गया है| अब देश जाग रहा है| एक बाबा रामदेव ने इनकी हालत टाईट करदी| क्या होगा जब हर घर से बाबा रामदेव निकलेगा?
अब समय इनके कष्ट झेलने का नहीं अपितु इन्हें कष्ट देने का है|
अब इन्हें वो दर्द देंगे कि इनकी आने वाली नस्लें भी यहं जन्म लेने से कतराने लगें|
आज तो इन्होने हमे पीट लिया| कल जब ये कुर्सियों से नीचे गिरेंगे तो देश में इनका जीना हराम हो जाएगा|
रविकर जी साधुवाद...बेहतरीन प्रस्तुति...
ReplyDeleteअन्याय को सहना अन्याय को बढ़ावा देने के बराबर है इसलिए इस समय हम सब को सरकार का विरोध तो करना ही चाहिए....
ReplyDeleteहां आप ने सही कहा यह पोस्ट तो फ़ेस बुक पर पोस्ट नही हो रही, आप इस की कापी बना कर दोबारा से पोस्ट करे फ़िर उस नयी पोस्ट को फ़ेस बुक पर डाले, शायद हो जाये
ReplyDeletemaine bhi try kiya hai dekhiye aaj main kisi videshi IP se try karata hun
ReplyDeleteसरकार ने धोखेबाजी के साथ यह सब नाटक रच देश की जनता के साथ न सिर्फ धोखा किया है। संसद में कमजोर लोकपाल बिल लाकर वह लोकपाल बिल को एक तमाशा बना देने पर तुली है। इसके साथ ही अब यह तय हो गया कि टीम अन्ना द्वारा सूझाये गये सभी प्रस्तावों को कचरे के डब्बें में फेंक दिया गया है। यह एक खोखला प्रचार किया जा रहा है कि सरकार ने अन्ना के सूझावों को ध्यान में रखते हुए बिल में काफी परिवर्तन किये हैं। हाँ! परिवर्तन इस बात का किया गया है कि किसी भी प्रकार से मनमोहन की पिछली और वर्तमान सरकार के पापों की जाँच लोकपाल न कर सके इस बात को ध्यान में रखते हुए बिल के सभी प्रावधानों को सावधानी पूर्वक प्रस्तावित बिल में संजोया गया है ताकी निकट भविष्य में इन बेइमानों को कोई जेल में न भेज सके।
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