मनमोहन सिंह (सिंह शब्द के उपयोग से कृपया "सिंह" अपमान का अनुभव न करें, प्रधान मंत्री का पूरा नाम लिखना मजबूरी है) की बांग्लादेश यात्रा हुई, मुझे तो खबर तक नही लगी| ऐसी कैसी गुप्त यात्रा थी? देश का प्रधान मंत्री कब कहाँ जाता है, क्या करता है, देशवासियों को खबर नही, लोकतंत्र(?) है न|
जाहिर है जब यात्रा की खबर नही तो वहां क्या हुआ, इसका पता चलना तो असम्भव है| मनमोहन सिंह की रीढ़ की हड्डी की लचक के बारे सुना तो बहुत था, किन्तु आज नयी जानकारी मिली है कि उनके पास रीढ़ की हड्डी है ही नही| बांग्लादेश (कोई साइज़ जानता है इस पिद्दी देश का?) के सामने साष्टांग दंडवत लोट कर आए हैं| इतना घटिया निर्णय लेने वाले मनमोहन सिंह देश के पहले प्रधान मंत्री हैं|
मित्रों आज सुबह ही खबर मिली कि मनमोहन सिंह हमारे ही देश के एक प्रदेश असम की 435 एकड़ भूमि बांग्लादेश को दान में दे आए हैं| इस काम में मनमोहन सिंह का साथ दिया असम के मुख्य मंत्री तरुण कुमार गोगोई ने|
असम इस समय विरोध की आग जल रहा है| प्रदेश के नागरिक अपनी भूमि बांग्लादेश को दिए जाने के विरोध में उग्र हो रहे हैं| विरोध के चलते All Assam Students’ Union (AASU), असम का मुख्य विपक्षी दल Asom Gana Parishad (AGP) व BJP भी सड़कों पर उतर आए हैं| गुवहाटी व असम के अन्य क्षेत्रों में गोगोई व मनमोहन सिंह के पुतले जलाए जा रहे हैं| कहीं किसी सबसे तेज़ या सबसे आगे चैनल पर ऐसी खबर देखी?
AASU के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने तो सीधे सीधे प्रधान मंत्री को कड़े शब्दों में कह डाला कि आज तो बांग्लादेश के आगे झुक कर असम की धरती बांग्लादेश को दान में दे दी, बताइये कश्मीर का कितना भाग पाकिस्तान को सौंपने का मन बना लिया है?
यह एक बिलकुल बेतुकी संधि है जिस पर मनमोहन सिंह और गोगोई ने बांग्लादेश के साथ सहमती बना ली है| प्रधानमंत्री को क्या अधिकार है, बिना इस मुद्दे को संसद में उठाए, बिना देश की जनता को इस से अवगत करवाए इतनी बड़ी भूमि किसी शत्रु देश को दान में देने का?
AGP के अध्यक्ष चन्द्र मोहन पटवारी ने तो बांग्लादेश के साथ हुए इस Land Border Agreement को Second Yandaboo Treaty के सामान बताया है| जिसे स्वीकार कर गोगोई ने अपनी कमजोरी का परिचय ही दिया है| गोगोई के लिए यह पहला अवसर था जब उसे दो देशों के बीच हुई द्वीपक्षीय वार्ता का हिस्सा बनने का मौका मिला| किन्तु उसने अपनी कमजोरी से राष्ट्रीय हितों को अनदेखा किया है|
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सरबनंद सोनोवाल ने इसे असम के इतिहास का काला दिवस बताया है| और चेतावनी दी है कि इस संधि के विरोध में देशव्यापी आन्दोलन किया जाएगा|
छिटपुट गालियाँ पड़ने के बाद सरकार ने दुहाई दी है (अब लाख छिपाने के बाद भी खबर बाहर आ जाए तो सफाई तो देनी ही पड़ेगी) कि इस संधि के अनुसार बांग्लादेश के पलाथोल की 74 एकड़ भूमि, दुमाबरी (जिला करीमगंज) से 75 एकड़ भूमि व बोरोइबरी से 193 एकड़ भूमि भारत को मिलेगी|
बदले में बांग्लादेश ने भारतीय कब्ज़े से अपनी 145 एकड़ भूमि नायगांव से व 290 एकड़ भूमि पलाथोल से मांगी है, जिसपर मनमोहन सिंह व गोगोई ने सहमती दिखा दी है|
अव्वल तो इसमें कितनी सच्चाई है, इस पर ही शंका है| दूसरी बात भारत के कब्ज़े में बांग्लादेश की ज़मीन, कभी सुना है इस बारे में? अकेले असम में चालीस लाख बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं| पूरे भारत में करीब दो करोड़ से अधिक बांग्लादेशी हैं| यदि उपरोक्त संधि में सच्चाई है तो क्या मनमोहन सिंह बांग्लादेश पर इन घुसपैठियों के सम्बन्ध में कोई दबाव नही बना सकते थे? ऊपर से अपनी 342 एकड़ भूमि के बदले बांग्लादेश को 435 एकड़ भूमि, यह कैसी संधि हुई?
असम की यह धरती कांग्रेस पार्टी की जागीर नही है जो इसे देशवासियों से बिना पूछे किसी भी भूखे नंगे देश को दान में दे डाले|
इनसे तो अच्छा व कडा रुख ममता बनर्जी ने ही दिखा दिया जिसने यात्रा शुरू होने के अंतिम दिनों में मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा का समर्थन नही किया, क्योंकि समझौते के अंतर्गत पश्चिम बंगाल की तीस्ता नदी के जल बंटवारे को लेकर उसे बांग्लादेश के आगे झुकना स्वीकार नही था| अत: यात्रा का बहिष्कार कर बनर्जी ने अपनी कमर तो सीधी रखी ही साथ ही तीस्ता जल बंटवारे की शर्तों को मानने से भी इनकार कर दिया|
मनमोहन सिंह, आपमें "सिंहों" वाले गुण तो नही हैं, कम से कम अब थोड़ी सी मर्दानगी स्त्रियों से ही सीख लीजिये|
भारत बांग्लादेश के मध्य 4,096 किमी की सीमा रेखा पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, मेघालय व मिजोरम को छूती है| क्या पता भविष्य में यहाँ भी मनमोहन सिंह को दानवीर बनने का शौक चढ़ जाए|
शायद भविष्य में कुछ ख़बरें ऐसी भी सुनने को मिल जाएं-
- पाकिस्तान के साथ हुए समझौते के अनुसार मनमोहन सिंह ने कश्मीर में कुछ सौ एकड़ ज़मीन के बदले श्रीनगर पाकिस्तान को दान कर दिया|
- पंजाब व राजस्थान से सटी भारत-पाक सीमा के कुछ गाँवों के बदले पंजाब का अमृतसर व राजस्थान का बीकानेर व जैसलमेर पाकिस्तान को दान कर दिया|
- साथ ही साथ चीन से हुए समझौते में लद्दाख की कुछ सौ एकड़ भूमि के बदले पूरा अरुणाचल प्रदेश चीन को दान कर दिया|
- लगे हाथों नागालैंड ने भी स्वतंत्र राष्ट्र की मांग कर डाली, ऐसे में दानवीर मनमोहन ने पूरा नागालैंड ही स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दान कर दिया|
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सबसे बड़ी बात कि देश में इतना कुछ हो रहा है और किसी को खबर ही नही है| अभी तो सोनिया गांधी के भारत आगमन को भी छिपाया जा रहा है| खबर है तो सिर्फ दिल्ली हाई कोर्ट के सामने "धमाका"|
कहीं यह धमाका इसीलिए तो नही हुआ, ताकि मैडम के लौटने व प्रधान मंत्री का दानवीर बनने की दोनों ख़बरों को हाईजैक किया जा सके?
अब आगे आगे देखिये, होता है क्या???
अब आगे आगे देखिये, होता है क्या???
बहुत शर्मनाक है....यह सच है की देश में इतना कुछ हो रहा है जनता कुछ खबर नहीं....न जाने यह सरकार देश को और कितना नीलाम करेगी......
ReplyDeleteसबसे बड़ी बात कि देश में इतना कुछ हो रहा है और किसी को खबर ही नही है| अभी तो सोनिया गांधी के भारत आगमन को भी छिपाया जा रहा है| खबर है तो सिर्फ दिल्ली हाई कोर्ट के सामने "धमाका"|
कहीं यह धमाका इसीलिए तो नही हुआ, ताकि मैडम के लौटने व प्रधान मंत्री का दानवीर बनने की दोनों ख़बरों को हाईजैक किया जा सके?
Yah bhi Sach hi hai...Ab to yakeen ho raha hai is baat ka.....
मौनिका जी ने जो लिखा है वो एक दम सही है ......मैडम के मुद्दे व इस मुद्दे को हाइजैक करने के लिय ये सब हुआ है इसमें कोई शक नहीं है ..जो देश को गिरवी रख सकते है वो क्या ...विस्फोट नहीं करवा सकते
ReplyDeleteमनमोहन कर दंडवत, लौटा आज स्वदेश |
ReplyDeleteचार सौ एकड़ भरत-खंड, भेंटा बांग्लादेश |
भेंटा बांग्लादेश, पाक को कितना हिस्सा,
काश्मीर का देत, बता दो पूरा किस्सा |
बड़ा गगोई धूर्त, किन्तु तू भारी अड़चन,
यहाँ करे यस मैम, वहां भी यस मनमोहन ||
कायर की चेतावनी, बढ़िया मिली मिसाल,
ReplyDeleteकड़ी सजा दूंगा उन्हें, करे जमीं जो लाल |
करे जमीं जो लाल, मिटायेंगे हम जड़ से,
संघी पर फिर दोष, लगा देते हैं तड़ से |
रटे - रटाये शेर, रखो इक काबिल शायर,
कम से कम हर बार, नया तो बक कुछ कायर ||
आदरणीय मदन शर्मा जी के कमेंट का हिस्सा साभार उद्धृत करना चाहूंगा -
अब बयानबाजी शुरू होगी-
प्रधानमंत्री ...... हम आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देंगे ...
दिग्गी ...... इस में आर एस एस का हाथ हो सकता है
चिदम्बरम ..... ऐसे छोटे मोटे धमाके होते रहते है..
राहुल बाबा ..... हर धमाके को रोका नही जा सकता...
आपको पता है कि दिल्ली पुलिस कहाँ थी?
अन्ना, बाबा रामदेव, केजरीवाल को नीचा दिखाने में ?????
काली करतूतों को छुपाने का आसान तरीका...... बम ब्लास्ट करो और बेगुनाह आदमी, औरतों, बच्चों की करुणामयी चीखों में अपना कुकृत्य कर के छुपा लो.... वाह भाई वाह... क्या खूब तरीका ढूँढा है हमारी त्याग्शाली (देश के लिए प्रधानमन्त्री की कुर्सी का दान करने वाली, ??) ममतामयी, देश भक्त स्वर्गीय श्री राजिव गाँधी की विधवा पत्नी, श्री मति सोनिया गांधी जी और इनके प्रीय प्रधानमन्त्री, इनके प्रीय नेता गन, जिन्होंने ...६५ साल तक देश की सेवा में अपना जीवन लगा दिया... इस पूरी कांग्रेस जमात ने....
ReplyDeleteये बम ब्लास्ट कांग्रेस ने ही करवाया है.. सोनिया के आने की खबर और बंगलादेश को आसाम की जमीन दान में देने (दान में दी है या बड़ा सौदा हुआ है..??) की न्यूज़ को छुपाने का षडयंत्र...
ये रहम भी उसी देश बंगलादेश पे... जिसने हमारे BSF बटालियन शहीदों के शवों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट के अपने वहाशिपने और भारत से कट्टर दुश्मनी का इजहार किया हो... ये जमीन हमारे शहीदों की शहादत का मजाक उड़ाने का एक और नया तरीका है हमारी स्वंय-कहीं देशभक्त कांग्रेस जमात का..
इससे जस्ट पहले काले धन पे पुनर्विचार याचिका दायर करने की खबर छुपाने के लिए मुंबई में बम ब्लास्ट...
दोनों ब्लास्ट कांग्रेस पोषित राज्यों में..
महाराष्ट्र की पोलिस अन्ना में और दिल्ली की सीबीआई बाबा में बिजी.. और ना भी हो तो सरकार ही ब्लास्ट करने वाली, तो पकड़ने वाला कौन ????
एक अफजल को मारने की केवल सोचोगे तो १ ब्लास्ट.. १५ मोत.. मार दिया तो पूरे भारतवर्ष में ब्लास्ट की बाढ़ ला देंगे ये...
अब भी समझ जाओ.. डर जाओ और कांग्रेस पे उंगली मत उठाओ..
हिरनकश्यप को ही भगवान् मानो...
प्रहलाद बच गया, वो कहानी में था.. तुम कोई नहीं बचोगे....
कांग्रस ने साफ़ साफ़ अल्टीमेटम दे दिया है...
है किसी में दम जो इनके खिलाफ जाए ????????????????????????????????
दिवस भाई दर्द और क्रोध इतना है कि कहीं कुछ ऐसा ना लिख दूँ इन कमीनो के खिलाफ की कांग्रेस के अंध भक्त मुझे देशद्रोही करार दे दें इसीलिए इस मुददे पर सिर्फ इतनी प्रतिक्रया की राजीव भाई जो बोलते थे उन बिचारों को हम लोगों में जल्द जल्द पहुंचा सकें तो ही जनता जाग सकती है वर्ना देश बहुत जल्द पूरी तरह से गुलाम होने वाला है !
ReplyDeleteजो भी साजिश करके आते हैं उसे छुपाने के लिए एक धमाका और कर देते हैं !
वंदे मातरम् !
ReplyDeleteआदरणीय दिवस दिनेश गौड़ जी !
ख़ून खौल जाए ऐसी ख़बर है यह तो !
अब तक तो सुनते थे कि बस चले तो ये मक्कार नेता देश को गिरवी रखदे - बेच दे …
यह बात अगर वाकई सच है ( ग़लत होने की गुंजाइश ही नहीं ) तो बहुत शर्मनाक और चिंताजनक है ।
वक़्त आ गया है कि देश को बचाने के लिए आम जनता को अब इंतज़ार करने की जगह ऐसे राष्ट्रघाती लोगों को तुरंत सत्ताच्युत कर देना चाहिए …और देश की बागडोर विश्वस्त् हाथों में ली जानी चाहिए ।
इस आलेख से मिली जानकारी को पढ़कर पैरों तले जमीन खिसक गयी है। खून खौल रहा है। हताशा और निराशा चरमोत्कर्ष पर है। देश का मुखिया बिक गया है क्या । अपनी औलादों (देश की जनता) के साथ ये कैसी दुश्मनी। जिसे हमारे स्वतंत्रता सैनानियों और शहीदों ने अपना रक्त बहाकर बचाया और सींचा , उसे किस हक से इन्होने गैर मुल्क को दान दे दिया। किसे खुश करना चाहते हैं ये हमसे हमारा हक छीन कर । हम अपने आसाम के भाई-बहनों के दुःख और आक्रोश में शामिल हैं। हमें हमारी भूमि वापस चाहिए।
ReplyDeleteयह सरकार इतनी गैरजिम्मेदार और निक्कमी हो जाएगी ,इसकी तो कल्पना भी नहीं की थी .......पता नहीं और कितनी बातें जनता से छिपाकर या बहलाकर की जाती है ....
ReplyDeleteभाई, साथ में कुछ source of information भी दिया कर जैसे ये सूचना किस अखबार में छपी या किस news channel ने इसे दिखाया. इससे तेरे चिठ्ठे की विश्वनियता भी बढेगी और लोगों में जागरूकता भी।
ReplyDeleteदेव साहब, किस चैनल में हिम्मत है कि इन लोगों से कुछ पूछ ले, वह तो रामदेव जी के लिये बने हैं.
ReplyDeleteभाई दिवस जी यदि यह बात सत्य है तो ये हम भारतीओं के लिए बहुत ही शर्म की बात है !
ReplyDeleteसरकार के सभी मंत्रियो की बुद्धि और सोचने की ताक़त बंद हो चुकी है.!,
बंगलादेश जैसे भूखे नंगे दो कौड़ी की औकात न रखने वाले देश के आगे घुटने टेक देना भारतीय विदेश नीति के इस्लामीकरण की मानसिकता को दर्शाता है l
ऐसा प्रतीत होता है जैसे भारत की विदेश नीति इस्लामी मानसिकता के लोगों द्वारा निर्धारित की जाती है l
इस भूमि विवाद के विवादित समझौते के अंतर्गत एक बहुत बड़ा जनसँख्या परिवर्तन भी होने जा रहा है जिसके बारे में भारतीय जनमानस को इतिहास की तरह आज भी .... अँधेरे में ही रखा जा रहा है l
बंगलादेश के 1,70,000 मुसलमानों को भारत में शरण दी जाएगी जिनकी कुल भूमि है 5400 एकड़ l और भारत के 30000 हिन्दुओं की 17500 एकड़ भूमि बंगलादेश को दी जा रही है l
12000 एकड़ भूमि दुसरे देश को दी जा रही है... इससे बड़ा धोखा या देशद्रोह नहीं हो सकता भारतीय जनमानस के साथ l
और साथ में भारत के हिन्दुओं के ऊपर एक शर्त भी थोपी गयी है की यदि आप भारत सरकार से अपनी भूमि पर कोई Claim नहीं करते हैं तो आप भारत में कहीं भी रह सकते हैं l
और यह भी प्रत्यक्ष है, साक्षी है, प्रमाणित है की ... जब ये हिन्दू लोग बंगलादेश के अधीन आएंगे तो अगले कुछ वर्षों में ही अधिकतर का धर्म-परिवर्तन भी करवा दिया जायेगा, और जाने कितनी महिलाओं को यौन-उत्पीडन के दौर से गुजरना होगा ?
क्या यह ... हिटलर शाही का देश है ? या फिर इस्लामी देश ?
प्रश्न फिर वही आता है की क्या यह सरकार और नीतियाँ .... भारतीय हैं ? किस लोकतंत्र और धर्म-निरपेक्षता की पक्षधर है ये लोकतंत्र के अंदर व्याप्त राजशाही ...?
ये देश हमारा है, इस भूमि पर सनातनी आर्यों का पहला अधिकार है... था और सदैव रहेगा l क्या आप लोग इसका विरोध कर सकते हैं ? यदि आज नहीं कर सकते तो तैयार रहिये आप भी किसी भी समय किसी भी इस्लामी देश के अधीन हो सकते हैं बिना किसी चल अचल सम्पत्ति के l
यहाँ कुछ बातें उल्लेक्ख्नीय है ... * न ही वेटिकन, चीन और सलीमशाही जूतियाँ चाटने वाली मीडिया द्वारा इस विषय पर कुछ विशेष दिखाया या छापा जा रहा है ?
विपक्ष द्वारा या किसी भी हिंदूवादी सन्गठन द्वारा कोई बड़ा आन्दोलन नहीं किया जा रहा ?
विपक्ष भी चुप ..... ? जाने कौन सी दवाई पिलाई हुई है आजकल विपक्ष को सरकार ने ?
भारतीय जनमानस तो पुरे विश्व में इतना महामूर्ख है की उसे न तो कुछ पढने की अब आदत है और न ही कुछ समझने की
दुर्भाग्यपूर्ण ... यदि ऐसे ही समझौते करने हैं तो सीमाओं पर सैनिक व्यर्थ ही शहीद हो रहे हैं ..
ReplyDeleteWHAT???????????
ReplyDeleteNO NEWS ???????????????
How can any PM do that ? Does the constitution allow this ???
हमारी मीडिया बिकी हुई है या डरी हुई है जो ऐसी खबरें नहीं दिखाती, लिखती.. पर कुछ समाचार पत्र और पाक्षिक हैं जो अपने संस्कारों को बढाने का काम करते हैं... जैसे पांचजन्य, पाथेय कण, सुदर्शन टीवी इत्यादि.. पर इनका सर्कुलेशन बहुत कम है... ऐसा कोई दैनिक अखबार होना चाहिए जिस का हम लोग इतना प्रचार करें और उसका दैनिक सर्कुलेशन इतना बढ़ा दें की विज्ञापन जगत से भी उसको कमाई हो, और ऐसे निष्पक्ष अखबार या टीवी चेनल की टीआरपि इतनी हो की लोग उसी की और झुक जाएँ.. तब ये विदेशी अखबार भी उन खबरों को छापेंगे.. अगर मीडिया हमारी हो जाए तो जिस 'सोच' पे कांग्रेस ने मार कर राखी है (मीडिया) के द्वारा, देश की वो 'सोच' बदल जायेगी.. देश जागेगा.. देशद्रोही अपने आप मरते जायेंगे..
ReplyDeleteआप सब से अनुरोध है कि जितने ज्यादा से ज्यादा लोगों को इन पाक्षिक के बारे में अवगत करवाएं और सुदर्शन टीवी जैसे चैनल कि न्यूज़ से अवगत करवाएं.. ताकि कांग्रेस कि काली करतूतों कि ऐसी खबरें जो मीडिया कभी नहीं दिखाता, उन न्यूज़ को पूरा देश जान जाए..
हमारी संकीर्ण पराधीन मानसिकता को बनाने का काम मेकोले ने शुरू किया था.. कांग्रेस भी उसी तर्ज पे काम कर रही है, मीडिया के द्वारा .. आज देश के सभी बड़े न्यूज़ चैनल और पेपर मीडिया विदेशी कंपनियों कि गुलाम है.. जो हमेशा सरकार (मुख्य रूप से कांग्रेस जनित) न्यूज़ ही दिखाती है.
अगर हमारी चोट सही जगह पर पड़े तो देश के उद्धार का काम ज्यादा तीव्र और हमेशा के लिए होगा.. वरना अभी का उबाल कहीं १९७७ कि पुनरावृति में ना बदल जाए..
दिवस जी स्थिति चिंता जनक हे | जोरदार ढंग से हिंदुवो और रास्ट्र का का पक्ष रखने के लिए एक सशक्त मिडिया हाउस की आवश्यकता हे | कंही देल्ही विस्फोट भी सोनिया के आगमन की खबर को छीपानेऔर इस मनमोहन के कुत्सित प्रयास को छूपाने के लिए तो नहीं किया गया ??/
ReplyDeletepure gandhi pariwar ko goli maar deni chahiye.
ReplyDeleteदिवस,
ReplyDeleteपहले तो जन्मदिन की बधाई!
इस समझौते की विस्तृत जानकारी इंटरनैट पर कहीं मिल सकती है क्या?
बंगलादेश को कुछ विवादों के चलते भूमि दी जा रही है, जिसके बारे में अनजान रखा जा रहा है सबको l
ReplyDeleteकोई समाचार पत्र छाप रहा है की केवल 60 एकड़ भूमि ही दी गई है ?
किसी का छापना है की 600 एकड़ .... 140 एकड़ ....
क्या है सत्य ... ?
ये बात है तब की जब Jessore के हिन्दू राजा और मुर्शिदाबाद के नवाब जुए में गाँव के गाँव हार जीत पर लगाया करते थे l 1947 के बंटवारे के बाद मुर्शिदाबाद भारत में आ गया और हिन्दू शहर जाशोर बंगलादेश में चला गया l
कुछ द्वीपों का भी इतिहास ऐसा है की भारत और तत्कालीन pakistan के साथ सीमा विवाद चलता ही रहा निरंतर l
मार्शल टीटो समझौता
ReplyDeleteबंगलादेश और pakistan के साथ कोई प्राकृतिक सीमा नहीं है, जैसे की चीन और श्री लंका के साथ पाई जाती है, अतः सीमा विवाद भी होना आवश्यक था और वो भी ... इस्लामी मानसिकता के साथ l
बंगलादेश की सीमा भारतीय राज्यों से लगती है ...पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय
UNO ने एक कमेटी बना कर भारत pakistan सीमा विवाद का हल करवाना चाह जिसकी अध्यक्षता कर रहे थे युक्रेन के निवासी मार्शल टीटो l
1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद नेहरु और तत्कालीन pakistan शासक ने भी स्वीकृति दी और आगे जाकर याह्या खान आदि ने यह निर्णय लिया की मार्शल टीटो जो परामर्श देगा उसे हम मान लेंगे l
मार्शल टीटो ने भी बड़ी कुशलता से षड्यंत्र रचते हुए यह परामर्श सुझा दिया की तत्कालीन तीस्ता नदी को ही सीमा मान लिया जाए, जिसको की उस समय तो मान लिया गया l
परन्तु उस समय तीस्ता नदी में बाढ़ आई हुई थी जिस कारण से तीस्ता नदी ने कई जगहों से रास्ता बदला भी हुआ था और पानी भी भरा हुआ था l
इस्लामी मानसिकताओं के लालच का तो कोई अंत स्वाभाविक रूप से है ही नहीं
ReplyDeleteहजरत महामूत के Easy Money के सिद्धांत को तो अपने खून में बसा चुके हैं |
तत्कालीन पोर्किस्तान (बंगलादेश) की नीयत खराब हुई और उसने तत्कालीन बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों पर भी अपना कब्जा लेने को बार बार भारत पर दबाव बनाया, सीर क्रीक का विवाद भी आप सब पढ़ सकते हैं इस विषय पर l
वर्तमान समझौता
वर्तमान समझौते के तहत ऐसे प्रतीत होता है की जैसे भारत ने ...अमेरिका जैसे देश के आगे घुटने टेक दिए हों क्योंकि Uncle Sam तो फिर भी दादागिरी के लिए मशहूर हैं, अपने एजेंटों से परमाणु संधि के लिए भारत के संसद तक खरीद लेते हैं वो तो ....
परन्तु बंगलादेश जैसे भूखे नंगे दो कौड़ी की औकात न रखने वाले देश के आगे घुटने टेक देना भारतीय विदेश नीति के इस्लामीकरण की मानसिकता को दर्शाता है l
ऐसा प्रतीत होता है जैसे भारत की विदेश नीति इस्लामी मानसिकता के लोगों द्वारा निर्धारित की जाती है l
इस भूमि विवाद के विवादित समझौते के अंतर्गत एक बहुत बड़ा जनसँख्या परिवर्तन भी होने जा रहा है जिसके बारे में भारतीय जनमानस को इतिहास की तरह आज भी .... अँधेरे में ही रखा जा रहा है l
बंगलादेश के 1,70,000 मुसलमानों को भारत में शरण दी जाएगी जिनकी कुल भूमि है 5400 एकड़ l
और भारत के 30000 हिन्दुओं की 17500 एकड़ भूमि बंगलादेश को दी जा रही है l
12000 एकड़ भूमि दुसरे देश को दी जा रही है... इससे बड़ा धोखा या देशद्रोह नहीं हो सकता भारतीय जनमानस के साथ l
ReplyDeleteऔर साथ में भारत के हिन्दुओं के ऊपर एक शर्त भी थोपी गयी है की यदि आप भारत सरकार से अपनी भूमि पर कोई Claim नहीं करते हैं तो आप भारत में कहीं भी रह सकते हैं l
और यह भी प्रत्यक्ष है, साक्षी है, प्रमाणित है की ... जब ये हिन्दू लोग बंगलादेश के अधीन आएंगे तो अगले कुछ वर्षों में ही अधिकतर का धर्म-परिवर्तन भी करवा दिया जायेगा, और जाने कितनी महिलाओं को यौन-उत्पीडन के दौर से गुजरना होगा ?
प्रश्न फिर वही आता है की क्या यह सरकार और नीतियाँ .... भारतीय हैं ?
किस लोकतंत्र और धर्म-निरपेक्षता की पक्षधर है ये लोकतंत्र के अंदर व्याप्त राजशाही ...?
क्या आप लोग इसका विरोध कर सकते हैं ?
यदि आज नहीं कर सकते तो तैयार रहिये आप भी किसी भी समय किसी भी इस्लामी देश के अधीन हो सकते हैं बिना किसी चल अचल सम्पत्ति के l
यहाँ कुछ बातें उल्लेक्ख्नीय है ...
• विपक्ष द्वारा या किसी भी हिंदूवादी सन्गठन द्वारा कोई बड़ा आन्दोलन नहीं किया जा रहा ?
• विपक्ष भी चुप ..... ? जाने कौन सी दवाई पिलाई हुई है आजकल विपक्ष को सरकार ने ?
• भारतीय जनमानस तो पुरे विश्व में इतना महामूर्ख है की उसे न तो कुछ पढने की अब आदत है और न ही कुछ समझने की ... एक पैशाचिक मानसिकता खून में रच बस चुकी है ... "हमको क्या ?? "
महत्वपूर्ण ये है की इंदिरा गांधी ने 1980 में इस विवाद पर बंगलादेश को मिलेगी ... उतनी ही भूमि बंगलादेश यदि भारत को देता है .. उसी दिशा में यह समझौता पूर्ण हो सकता है अन्यथा नहीं l
हालांकि बंगलादेश सरकार ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया था l
परन्तु भारत की ऐसी कौन सी नब्ज़ है .... जो इस्लामी मानसिकता के मंत्रियों की उँगलियों के नियन्त्रण में है ?
क्या भारत में पैदा होने वाले हिन्दुओं पर जयचंदी श्राप अनंत काल के लिए लग चुका है ?
सब बिके हुए ही पैदा हो रहे हैं ?
भला किस प्रकार कुछ भारतीयों को इस्लामी देश की नागरिकता लेने पर विवश किया जा सकता है ?
और 12000 एकड़ भारतीय भूमि दुसरे देश को कैसे दी जा सकती है ?
कृपया आप सब सुझाएँ .... क्या हो रहा है ?
और आप सब क्या क्या कर सकते हैं ?
वन्देमातरम ...........
in khangressi ke sab ke dimag ghum gaye hai.
ReplyDeleteyeh log to rajniti ke chalte apni MAA ko bhi bech ke ave apne hi dushmano ko.
maadarchot log sale.
अब तो हद हो गई।
ReplyDeletebomb blast done by kongress to divert attention from ANNA move and bangladesh visit by mms..
ReplyDeletewahhhhhh]
ReplyDeleteहमने तो गुरूद्वारे में भी जाकर शीश झुकाया है
ReplyDeleteबाईबल और कुरान को भी गीता का मान दिलाया है
हम ख्वाजा जी की मजार पर चादर सदा चढाते हैं
मुस्लिम पिट्ठू वैष्णो देवी के दर्शन करवाते हैं
किन्तु यहाँ एक दृश्य देखकर मेरी छाती फटती है
पाक जीतता है क्रिकेट में यहाँ मिठाई बटती है
उन लोगों से यही निवेदन,वो ये हरकत छोड़ दें
वरना आज और इसी वक़्त वो मेरा भारत छोड़ दें
बहुत शर्मनाक है....यह सच है की देश में इतना कुछ हो रहा है जनता कुछ खबर नहीं....न जाने यह सरकार देश को और कितना नीलाम करेगी......
ReplyDelete.
ReplyDelete@---ऐसा कोई दैनिक अखबार होना चाहिए जिस का हम लोग इतना प्रचार करें और उसका दैनिक सर्कुलेशन इतना बढ़ा दें की विज्ञापन जगत से भी उसको कमाई हो, और ऐसे निष्पक्ष अखबार या टीवी चेनल की टीआरपि इतनी हो की लोग उसी की और झुक जाएँ.. तब ये विदेशी अखबार भी उन खबरों को छापेंगे.. अगर मीडिया हमारी हो जाए तो जिस 'सोच' पे कांग्रेस ने मार कर राखी है (मीडिया) के द्वारा, देश की वो 'सोच' बदल जायेगी.. देश जागेगा.. देशद्रोही अपने आप मरते जायेंगे..
आप सब से अनुरोध है कि जितने ज्यादा से ज्यादा लोगों को इन पाक्षिक के बारे में अवगत करवाएं और सुदर्शन टीवी जैसे चैनल कि न्यूज़ से अवगत करवाएं.. ताकि कांग्रेस कि काली करतूतों कि ऐसी खबरें जो मीडिया कभी नहीं दिखाता, उन न्यूज़ को पूरा देश जान जाए......
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मंगलेश्वर जी ने एक बेहतरीन समाधान प्रस्तुत किया है। इस पर ध्यान दिया जाए।
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Gaur Ji, Bahut Hi Sansikhej khabar hai. Lekin Main Ye Puchhna chahta hoo ki kya yeh satya hai. Mera Matlab koi reference ho to bataye. Apki badi meharbani hogi. Kyoki mein sabko batana chahta hoo ki Congress ke kya irade hai.
ReplyDeleteभाई राजेश जी, एवं देवेश
ReplyDeleteमैंने पोस्ट में लिंक दे रखा है|
"Land Border Agreement " पर क्लिक लारें, सम्बंधित समाचार का स्त्रोत खुल आएगा|
अब पाकिस्तान को कश्मीर दे दिया जायेगा।
ReplyDeleteपूरी तरह सहमत हूं आपकी बातों से। कुछ तो ऐसी जानकारी भी जो यहीं मुझे मिली।
ReplyDeleteदेखिए मनमोहन सिंह को आप प्रधानमंत्री समझते हैं, तो आपकी गल्ती है। दरअसल उन्होने पूरी जिंदगी नौकरी की है उन्हें लगता है कि वो प्रधानमंत्री पद पर नौकरी कर रहे हैं।
गांधी जी ने तीन बंदर रखे थे, एक सुनता नहीं था, एक बोलता नहीं था और एक देखता नहीं था। आज गांधी जी होते तो वो सिर्फ मनमोहन सिंह को रखते, तीनों बंदरों का काम हो जाता। ये ना देखते हैं, ना सुनते हैं और ना बोलते हैं।
शर्मनाक
इनसे तो अच्छा व कडा रुख ममता बनर्जी ने ही दिखा दिया जिसने यात्रा शुरू होने के अंतिम दिनों में मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा का समर्थन नही किया, क्योंकि समझौते के अंतर्गत पश्चिम बंगाल की तीस्ता नदी के जल बंटवारे को लेकर उसे बांग्लादेश के आगे झुकना स्वीकार नही था| अत: यात्रा का बहिष्कार कर बनर्जी ने अपनी कमर तो सीधी रखी ही साथ ही तीस्ता जल बंटवारे की शर्तों को मानने से भी इनकार कर दिया|
ReplyDeleteमनमोहन सिंह, आपमें "सिंहों" वाले गुण तो नही हैं, कम से कम अब थोड़ी सी मर्दानगी स्त्रियों से ही सीख लीजिये
achcha huaa mai aap ka blog padhta hun varna mujhe bhi is sab ke bare kaha pata chlta
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ReplyDeleteबहुत ही दुर्भाग्य है इस देश के वाशियों का जो उन्हें ऐसे मुखिया मिले हैं.... सच कहूँ तो इस समय बहुत दुःख हो रहा है और उससे भी अधिक क्रोध आ रहा है....
ReplyDeleteऔर क्या क्या करेंगे ये लोग....
आंदोलित करता लेख,महत्त्वपूर्ण जानकारी दी है आपने
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल शुभकामनाएँ !
दीपो का ये महापर्व आप के जीवन में अपार खुशियाँ एवं संवृद्धि ले कर आये ...
ReplyDeleteइश्वर आप के अभीष्ट में आप को सफल बनाये एवं माता लक्ष्मी की कृपादृष्टि आप पर सर्वदा बनी रहे.
शुभकामनाओं सहित ..
आशुतोष नाथ तिवारी
दुर्भाग्यपूर्ण
ReplyDelete*दीवाली *गोवर्धनपूजा *भाईदूज *बधाइयां ! मंगलकामनाएं !
ईश्वर ; आपको तथा आपके परिवारजनों को ,तथा मित्रों को ढेर सारी खुशियाँ दे.
माता लक्ष्मी , आपको धन-धान्य से खुश रखे .
यही मंगलकामना मैं और मेरा परिवार आपके लिए करता है!!
Aap achhe vishyon ko utha rahe hain. Aise hi vevaki se likhte rahiye.
ReplyDeleteदीवाली *गोवर्धनपूजा *भाईदूज *बधाइयां ! मंगलकामनाएं !
ReplyDeleteईश्वर ; आपको तथा आपके परिवारजनों को ,तथा मित्रों को ढेर सारी खुशियाँ दे.
कृपया पधारेँ । http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html
ReplyDeleteकृपया पधारेँ । http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html
ReplyDeletebehad sharmnak....
ReplyDeletedesh ko apni bapauti samjhte hain ye log....
itne bade daani hain to kyun nahi apna ghar dwar daan kar dete..
ab to bahut ho chali..
uf! behad sharmnak!
ReplyDeletena jaane kahan kis or le jaayinge ye desh ko... bantadhar kiye bina nahi rah sakte!!!
saarthak janjagrukta bhari prastuti hetu aabhar!
ये मनमोहन सिंह भी काला अंग्रेज हैं ..............भारत मैं जर्मनी जैसी स्तिथि हैं वह यहूदी थे और उनका सहयोग करने वाले भी एसी ही भोगवादी ,राष्ट्र द्रोह वादी मानसिकता के लोग थे ,ये बहुत कम संख्या मैं हैं लेकिन महत्वपूर्ण पदों पर बिलकुल जर्मनी की तरह ......मीडिया मैं ,कोरपोरेट मैं ,नॉन गवर्नमेंटल ओर्गंजेसन (ngo),राजनीती ,अखिल भारतीय प्रशासिनिक सेवाओ मैं ,विश्विद्यालय मैं जैसे jnu etc. ..................तो क्या यहाँ भी एक हिटलर पैदा होगा ?
ReplyDeletemurkhon ka seeengh wala sardaar...
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