अरे नही, चौंकिए मत| दिवस का ह्रदय परिवर्तन नही हुआ है| दरअसल कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलना इस देश में अब हिम्मत नही, जुर्रत बन गया है, साहस नही, दुस्साहस बन गया है| और यही जुर्रत बाबा रामदेव बार बार किये जा रहे हैं|
अभी तो ताजातरीन कांग्रेस का एक और हक़ मार दिया बाबाजी ने| बताइये जुर्रत नही हुई क्या? इतने पचड़े क्या कम थे जो अब बांग्लादेशियों पर भी नज़र डाल बैठे? कुछ तो काम छोडिये कांग्रेस के लिए| बेचारे(?) बांग्लादेशी हमारे यहाँ शरणार्थी बन रहे हैं (इसी कांग्रेस की कृपा से) और इन्होने वहाँ भी अपनी टांग अड़ा दी| इनकी इतनी जुर्रत कैसे हुई कि इन्होने अपने योग शिविर में एक बांग्लादेशी का मानसिक उपचार किया? क्या इन्हें पता नही कि बांग्लादेशियों का ठेका केवल कांग्रेस के पास है?
अभी नया नवेला मामला (क्योंकि मामले बहुत हो गए हैं, और अधिकतर तो बासी भी हो गए हैं, तो कोई नया मामला खडा करना बेहद ज़रुरी था) यह है कि बाबा रामदेव के योग शिविर में ब्योमकेश भट्टाचार्य नामक बांग्लादेशी नागरिक की उपस्थिति को लेकर पुलिस ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया है| ब्योमकेश भट्टाचार्य अपने पुत्र का इलाज करवाने बांग्लादेश से बाबा रामदेव के योग शिविर में आए थे|
बाबाजी की जुर्रत तो देखिये जो एक बांग्लादेशी का इलाज किया| और वह भी हिन्दू, ऊपर से ब्राह्मण| मतलब कांग्रेस की दृष्टि में करेला ऊपर से नीम चढ़ा| अरे इलाज ही करना था तो किसी मुसलमान को पकड़ लेते| मुसलमान न मिले तो किसी दलित पिछड़े को ही पकड़ लेते| कोई इन्हें टच भी नही करता| पहले से ही करोड़ों बांग्लादेशी मुसलमान भारतीयों की छाती पर मूंग दल रहे हैं| जब जब मौका मिलता है तो यहाँ वहां बम भी फोड़ देते हैं| यदि इलाज ही करना था तो इन बेचारे भूखे नंगों का करते|
हमारे प्रधानमन्त्री(?) की ओर से शायद बाबाजी को कुछ छूट मिल जाती| क्योंकि इन्ही की सरकार में मंत्री रह चुके रामविलास पासवान जब बांग्लादेशियों के मताधिकार के लिए आवाज़ उठाते हैं तो उनका पद बरकरार रहता है|
बाबाजी से यही कहना चाहता हूँ कि आपने तो कांग्रेस का यह अधिकार भी छीनने की जुर्रत की है| बार बार आप सांप के बिल में हाथ डाल रहे हैं| आपने इतनी जुर्रतें कर दी हैं कि अब उनका हिसाब कौन देगा?
अव्वल तो आप भगवा पहनते हैं, आपको पता नही कि सेक्युलरों की आँख में यह रंग कितना चुभता है| इनका वश चले तो ये तिरंगे को भी दुरंगा बना डालें|
आपने हिन्दुओं की लुप्त हो चुकी प्राचीन विद्या को पुनर्जीवित कर दिया और उसे न केवल घर-घर, बल्कि देश-विदेश में पहुंचा दिया| बताइये अब विदेशी दवा कंपनियों की दलाली कहाँ से खाएंगे ये?
आपने देश भर में स्वदेशी की विचारधारा का प्रचार प्रसार किया| यहाँ भी आपने इनकी दलाली मार दी|
आपने गुजरात में जाकर नरेंद्र मोदी के मंच पर खड़े होकर भाषण पेला| आपको पता नही कि गुजरात एक शत्रु प्रदेश है और नरेंद्र मोदी एक मिर्ची, जो सेक्युलरों को यहाँ वहां जलाती रहती है|
आपने संघ से अच्छे सम्बन्ध बनाए| आपको पता होना चाहिए कि संघ एक राष्ट्रवादी और हिंदूवादी संगठन है| अत: इसे पहले से ही अछूत की श्रेणी में डाल रखा है|
और तो और आपने अफगानिस्तान से लेकर बर्मा तक अखंड भारत का नारा दे डाला| आप ये भी भूल गए कि अफगानिस्तान व पाकिस्तान भारत में मिल गए तो इन सेक्युलरों के माई बाप कहाँ जाएंगे? यदि कैलाश मानसरोवर, लद्दाख व तिब्बत भारत में आ गए तो चून्धी आँखों वाले चीनी क्या करेंगे?
और सबसे बड़ी जुर्रत तो यह कि आपने भ्रष्टाचार के विरूद्ध मोर्चा खडा कर दिया| किया तो किया, इसमें आपने कालाधन वापस लाने की मुहीम भी छेड़ दी| इसके लिए एक लाख से अधिक लोगों के साथ दिल्ली में अनशन पर बैठ गए| और आधी रात में पिटने के बाद भी आपने अपनी जुबां बंद नही रखी| यहाँ तक कि स्विस के साथ साथ इटली के बैंकों की भी पोल खोल दी| बताइये भला सोनिया माता की कोई इज्ज़त है कि नही?
इतनी जुर्रतें क्या कम थीं जो अब नया पंगा खडा कर दिया| बताइये कौन देगा हिसाब?
बाबाजी आप तो बहुत बड़ी चीज़ हैं, अरे इन्होने तो केजरीवाल को भी नही बख्शा| लाखों करोड़ों के भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ने वाले एक युवा पर केवल नौ लाख के भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ डाला| सरकार ने इसे डिफॉल्टर घोषित कर दिया| आखिर कल पैदा हुआ छोरा इनकी नाक में दम किये बैठा था| यहाँ तक कि इसे युवराज(?) से बढ़कर आँका जाने लगा| इसका इलाज तो करना ही था| जब इसे ही नही छोड़ा तो आपने तो सत्ता ही हिला दी|
ये सब कारनामे अब कांग्रेस की दृष्टी में हिम्मत नही, जुर्रत की श्रेणी में आते हैं| अब ज़रा बच के रहना|
अच्छी लगी बाबा की यह जुर्रत । जब सीढ़ी उंगली से घी न निकले तो अंगुली टेढ़ी करनी ही पड़ती है। इतना विरोध , माँगे, आन्दोलन और अनशनों के बाद भी यदि सत्ता स्वयं में कोई सुधार न सके तो क्रांति तो लानी ही पड़ती है। पहले बात कही जाती है , सुनवाई न होने पर चिल्लाना पड़ता है। विरोध तो बढेगा ही। एक बार जागरूक हुयी जनता को दुबारा सुलाना आसान नहीं। सरकार ने सोचा था देश-भक्तों को आधी रात में मार-पीट कर उनका मनोबल तोड़ देंगे। ऐसा नहीं होता है। दुबारा वे दोगुनी ताकत से आयेंगे। कब तक सच को दबाया जा सकेगा। अंततोगत्वा वीरों और देशभक्तों की ही जीत होगी। सत्यमेव जयते।
ReplyDeleteबाबा हो या जनता अब ये जुर्रत करनी ही होगी..... साधुवाद बाबा रामदेव को
ReplyDeleteइसमें कांग्रेस का कोई हाँथ नहीं. भ्रस्ताचार की मुहीम के ताज़ा परिणाम देखे
ReplyDelete- बाबा रामदेव दिल्ली बदर
- बाबा पर विभिन्न मामले सीबीआई के सामने
- शांति भूषण की CD सामने
- अन्ना को जेल
- अन्ना टीम अन्ना को इस्तेमाल कर रही है सिर्फ
मार रही है - मीडिया प्रचार
- अनशन टूटे इस लिए संसद से सलाम
-फुसला कर टूटा अनशन, मिला कुछ नहीं
- CD पर रिपोर्ट
- अन्ना टीम पर, मंच वक्ताओं पर विशेषाधिकार हनन
- केजरीवाल के गड़े मुर्दे
- किरण बेदी पर खोज जारी , शीग्र ही सामने
- समर्थक भाजपा .. सुषमा स्वराज को घेरा
- अन्ना से कोई न मिले इसलिए व्यापक सुरक्छा
निष्कर्ष -- जो हम कहे सुनो, जो हम करे सही , हम पर बंद रखो मुह ????????????? वरना .
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteसादर बधाई ||
पर तिहाड़ के कई, अभी भी खाली पन्ना
अन्ना को घेरन लगे, मंत्री-पुलिस-दलाल,
भूषण द्वय के साथ में., किरण-केजरीवाल |
किरण - केजरीवाल, उजाड़ा बाबा टीला,
है अन्ना पर चार्ज, किया उत्पात कबीला |
पर तिहाड़ के कई, अभी भी खाली पन्ना |
सबको अन्दर भेज, तभी बैठेगा अन्ना ||
अन्ना निर्देशक बने, फिल्म महा-अभियोग,
ReplyDeleteकेजरि के बैनर तले, सारोकार- सुयोग |
सारोकार-सुयोग, सुनों सम्वाद ओम के,
फ़िदा किरण का नाट्य, वितरकी हुए रोम के |
कह 'रविकर' इतिहास, जोड़ता स्वर्णिम पन्ना,
व्युअर-शिप का शेर, हमारा प्यारा अन्ना ||
File:Ashoka Chakra.svg
नाटक-शाला में घुसें, दीवारों को तोड़,
आगे-आगे ओम जी, पीछे कई करोड़ |
पीछे कई करोड़, सुधारो खुद को भाई,
आँगन कुटी छवाय, रखो बाकी अच्छाई |
कह रविकर अफ़सोस, कुटिल काला दिल सा ला,
मिटा रहे सम्मान, बना के नाटक-शाला ||
कांग्रेस ने तो हमेशा ही दूसरों का चरित्रहनन करके राज किया है। उसने कभी भी अपने बलबूते पर सत्ता हासिल नहीं की। कभी संघ का हव्वा खड़ा करती है तो कभी भगवा आंतकवाद का। कांग्रेस जिसकी लाठी उसकी भैंस वाला सलूक करती है। उसका मानना है कि देश के समस्त संसाधन केवल कांग्रेस के लिए हैं, इसका दूसरा कोई उपयोग नहीं कर सकता यदि करेगा तो वह उसे कुटिल चालों में फंसा देंगे। आपने अच्छा लिखा है, बेचारे छोटे-मोटे तो हमेशा ही डरकर रहते हैं।
ReplyDeleteबाबा रामदेव की जुर्रत के तो क्या कहने .....अब किसी का इलाज होना भी सरकार को भारी पड़ने लगा है तो ये सब उसके नैतिक पतन की निशानी है .....विनाश काले विपरीत बुद्धि अब तो कोई बोले तो इन नेताओं से पूछकर ,लिखे तो इन्हीं से पूछकर ....
ReplyDeleteगौर साब बहुत ही शानदार लेख लिखा है. बधाई...
ReplyDeletesahi bat hai ...apki desh bhakti ko pranaam aur swami ji ki har jurrat ka hum ek abhinn ang hain,,,
ReplyDeletejai bharat
सोनिया गांधी की यात्रा का खर्च
ReplyDelete1850 करोड़
इतना खर्चा तो प्रधानमंत्री का भी नहीं
है : पिछले तीन साल में
सोनिया की सरकारी ऐश का सुबूत,
सोनिया गाँधी के उपर सरकार ने पिछले तीन
साल में जीतनी रकम उनकी निजी बिदेश
यात्राओ पर की है उतना खर्च
तो प्रधानमंत्री ने भी नहीं किया है ..एक
सुचना के अनुसार पिछले तीन साल में सरकार ने
करीब एक हज़ार आठ सौ अस्सी करोड रूपये
सोनिया के विदेश दौरे के उपर खर्च किये
है ..कैग ने इस पर आपति भी जताई
तो दो अधिकारियो का तबादला कर
दिया गया .
अब इस पर एक पत्रकार रमेश वर्मा ने सरकार
से आर टी आई के तहत निम्न
जानकारी मांगी है :
1. सोनिया के उपर पिछले तीन साल में कुल
कितने रूपये सरकार ने उनकी विदेश
यात्रा के लिए खर्च की है ?
2. क्या ये यात्राये सरकारी थी ?
3. अगर सरकारी थी तो फिर उन यात्राओ
से इस देश को क्या फायदा हुआ ?
4. भारत के संबिधान में
सोनिया की हैसियत एक सांसद की है
तो फिर उनको प्रोटोकॉल में एक
राष्ट्रअध्यछ का दर्जा कैसे मिला है ?
5. सोनिया गाँधी आठ बार अपनी बीमार
माँ को देखने न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में
गयी जो की उनकी एक
निजी यात्रा थी फिर हर बार हिल्टन
होटल में चार महगे सुइट भारतीय
दूतावास ने क्यों सरकारी पैसे से बुक
करवाए ?
6. इस देश के प्रोटोकॉल के अनुसार सिर्फ
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ही विशेष
विमान से अपने लाव लश्कर के साथ
विदेश यात्रा कर सकते है तो फिर एक
सांसद को विशेष सरकारी विमान लेकर
विदेश
यात्रा की अनुमति क्यों दी गयी ?
7. सोनिया गाँधी ने पिछले तीन साल में
कितनी बार इटली और वेटिकेन
की यात्राये की है ?
https://www.facebook.com/photo.php?v=143081472437766&set=vb.100002077417043&type=2&theater
anna is cong agent..anna has made fool of india...he is congi agent plotted to divert issue from black money and will be used in future also...anna is just doing timepass like mohandas gandhi and people like subhash etc were sidelined by media...
ReplyDelete.
swiss money issue is most imp.So if he is really want to end corruption then he should
do anshan for swiss money,so that real names come out and get punishment..this also will create fear among politicians to stash away money.. After that whatever law to prevent further corruption can be made..
anna hazare should now do anshan for declaring swiss money as ''national asset'' and bring it back as he has become more popular and hence powerful than ramdev..So now its responsibility of anna hazare to bring it back ..Also he has more experience to do anshan for long and as claimed whole india and indian youth is with him..So it will be easy and successful anshan....LOL..:D
ReplyDeleteUp to certain extent I agree with Mr.Benami.
ReplyDeleteदिवस गौर जी,
ReplyDeleteआपके लेखन में जनता के लगातार बढ़ रहे आक्रोश की आग है... इसकी तपिश से दुष्टों के दिल और अधिक जलेंगे... लेकिन देशभक्तों को अपने हृदयों में जागृति की मशाल जलाए रखने को ऊर्जा मिल रही है... ऐसे लेखों से ही भारत के स्वाभिमान का नया सवेरा होगा... मैं तो आपके विचारों का प्रचारक बनने में गर्व की अनुभूति करता हूँ.
बाबा बड़ा ही दुस्साहस कर रहा है भाई... एकदम भगतसिंह की तर्ज पर... इसमें अगर थोडा सा चाणक्य, सुभाष, और शिवाजी महाराज का तड़का लग जाए तो मजा आ जाए... क्या मस्त दुस्साहसी साग बनेगा... कांग्रेस की इसे खा कर कैसे रात गुजरेगी और सुबह आगे और पीछे से बड़ी गर्म मसालेदार होगी...
ReplyDeleteसरकार तिहाड़ जेल को साफ सुथरा करने में लग गयी है क्यों की दो वर्ष बाद , उसके बड़े नेता वहा विराजने वाले है ! इसी लिए नए - नए कैदी वहा भेंजे जा रहे है ! बहुत दिलचस्प रही - रामवाण !
ReplyDeleteन्यायशास्त्र में धुँए से आग का अनुमान लगाने वाले 'धूमानल न्याय' का उल्लेख है..
ReplyDeleteइसी सिद्धांत के आधार पर मैंने 'अपमानानल न्याय' सूत्र गढ़ कर इसे विस्तार दिया और रामदेव के सत्याग्रह (४ जून) की घटना के बाद अपने आस-पास कथा था कि जरूर कोई बड़ा दुष्कांड होने वाला है.. दो बड़ी रेल-हादसे हुए ... मीडिया को भ्रमित किया गया.. सोनिया का परिवार सहित चुपचाप पलायन हुआ ..
अन्ना ने सरकार को बुरी तरह बेज्जत किया ...... सरकार का कोई नेता, मंत्री आज की तारीख में मुँह दिखाने काबिल नहीं... मालकिन लौट रही हैं... माहौल उनके खिलाफ न हो जाये ... इसलिये मीडिया को भरमाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं..... भाइयो आपने सुना क्या.... दिल्ली हाई कोर्ट में बम-ब्लास्ट हुआ है.. अन्ना के समय पूरी तरह मुस्तेद रहने पुलिस को फिर गच्चा दे गया... क्या आप विश्वास करेंगे इस बात पर?
अब सोनिया जी आराम से लौट सकती हैं... मीडिया बम-ब्लास्ट जैसे हादसों में लिप्त रहने वाली है.. कोई नहीं पूछ-गछ नहीं होगी कि कहाँ गई थीं? क्या हाल-चाल हैं? कितना खर्च हुआ इस बार इस सरकारी यात्रा में? कौन बीमारी से मुक्ति मिली है इस बार?
मेरा अंदेशा है कि ... कुछ दिनों में दो-चार और बुरी खबरें सुनने को मिलें.... इस तरह हमारा ध्यान उस तरफ मुड़ जायेगा और देश की मुखिया को फिर से चेहरा दिखाने का हौसला मिल जायेगा.... शायद कल ये किसी बम-पीड़ित परिवार से हमदर्दी दिखाती दिख जाएँ.
अंतिम बात .... मुझे जी.एन. शाह की टिप्पणी ने काफी देर गुदगुदाया.... अच्छा व्यंग्य किया है ... क्या सच में तिहाड़ को एयर-कंडीशन बनाया जा रहा है?
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआदरणीय प्रतुल भाईसाहब, साधुवाद...
ReplyDeleteआपने बिलकुल सही जगह इशारा किया है|
ये औरत डायन है, जो अपने क्षुद्र स्वार्थों के लिए हमारे भाई बहनों को धमाकों में उड़ा रही है|
पता नही कब ये बात लोगों को समझ आएगी?
@. "मैं तो आपके विचारों का प्रचारक बनने में गर्व की अनुभूति करता हूँ."
आदरणीय प्रतुल भाईसाहब, आपका आभारी हूँ|
बेनामी जी आपकी पहली टिपण्णी से मैं भी पूर्णत: सहमत हूँ|
ReplyDeleteकिन्तु दूसरी टिपण्णी पर मुझे आपत्ती है| शायद आप इसे साबित कर सकें|
अन्ना काले धन के लिए भी आन्दोलन करेंगे, यह हमारा विश्वास है| अन्ना स्टेप बाई स्टेप चलने हैं तो यह गलत नही है|
प्रतुल वशिष्ठ जी के विचारों से पूरी तरह सहमत
ReplyDeleteसटीक बात कही है आपने . सार्थक पोस्ट हेतु हार्दिक शुभकामनायें!!
अन्ना जी के बारे में बेवकूफी कि बाते, केजरीवाल को नोटीस, किरण बेदी को नोटीस, रामदेव के पीछे किस्से, यही तो है कांग्रेस का चरित्र !
भारत में करीब दो करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रहते हैं और सरकार इस को मानती है क्या ??
जो लाखों बांग्लादेशी कांग्रेस ने असम में घुसाए वो तो सब निर्दोष, बाबा ने एक बीमार का इलाज़ करने के एक को शरण दे दी तो बाबा आंतकवादी.
इस बात की भी सी बी आई जाँच होनी चाहिए की कहीं बाबा रामदेव पाकिस्तानी तो नहीं है जो हिन्दुस्तान में देश द्रोह करवाना चाहता हो?
बांग्लादेशी परिवार का बाबा के आश्रम में पाया जाना यही साबित करता है की बाबा इस्लामी आतंकवाद को सरंक्षण दे रहा है ??
एक कॉंग्रेस ही देश की सच्ची और देश-भक्त पार्टी है और बाबा रामदेव पर सारे इल्ज़ाम लगाना अपना नैतिक कर्त्तव्य समझती है बाकि सब तो चोर हैं
धन्य है, कांग्रेस की नीतियाँ. एक एक करके केस लगाने की बजाए बाबा को आतंकवादी घोषित कर दो भाई .
पंतजली योग पीठ को सील करो और योग करने कराने पर प्रतिबन्ध लगा दो ,
ओम कहना, बंदेमातरम बोलना अपराध होना चाहिए. जिसके लिए फाँसी की सज़ा मिले.
वाह कांग्रेस की सरकार वाह रे तुम्हारे चमचे!!!
आदरणीय मदन शर्मा जी आपने बहुत अच्छे से आड़े हाथों लिया... कांग्रेस को....
ReplyDelete'देश में दूध की धुली और देशभक्त केवल कोंग्रेस सरकार बची है... और देश में रहने वाली जनता चोर और गद्दार है.'
देश में केवल एक ही 'पवित्र परिवार' है ... उसके वफादार कुत्तों को मनचाहा भौंकने की छूट है. काटने का मौलिक अधिकार है.
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Madan Ji aapne comment kyon delete kar diyaa?
आदरणीय मदन शर्मा जी, आपकी टिपण्णी सटीक वार करती प्रतीत हो रही है|
ReplyDeleteसच ही है, क्यों एक एक करके आरोप मढ़ रहे हैं? सीधे सीधे बाबा को आतंकी घोषित कर दो न|
दरअसल ये सरकार हमारी सोच पर मार करने की कोशिश कर रही है, जैसे अंग्रेज़ करते थे|
jaldbaajii में कुछ trutiyaan हो जाती हैं, uspar dhyaan न deejiyegaa... क्योंकि मुझे अन्य ब्लोगर साथियों को पढने में समय देना होता है इसलिए आगे बढ़ jaataa hoon...
ReplyDeleteapnii pichchhlii टिप्पणियाँ पढ़ी तो कहीं 'कोई' कुछ छूट रहा है तो कहीं 'कहा' का कथा हो गया है... koshish hogii की आगे aisii गलतियां न हों फिर भी मुझे इस बात की खुशी है की सुधी पाठक merii इन त्रुटियों को nazar अंदाज़ करके मूल विषय से bhatak nahin rahe.... aabhaarii hoon.
मित्र दिवस,
ReplyDeleteदूसरी बुरी खबर.... सुरक्षा के नाम पर दिल्ली की मेट्रो-सेवा प्रभावित (कई जगह बंद की गई.) .. पब्लिक परेशान...
सोनिया के आने से पहले ही शुभ-लक्षण प्रकट हो रहे हैं.... माहौल तैयार किया जा रहा है... खौफ का.
सड़कों पर बेरियर लगा-लगाकर पुलिस का सुरक्षा-खेल (तमाशा) चलेगा दो-तीन दिन... मैं सोच रहा हूँ घर कैसे जाऊँगा ... बस से ही निकलूंगा ... रोज से ज्यादा समय लगेगा आज़ घर पहुँचने में... डेढ़ घंटे का सफ़र कम-से-कम चार घंटे में पूरा होगा... रोज़ तीन घंटे में होता है.
सरकार आमजनता को अपनी ताकत महसूस कराने का फार्मूला जानती है... वह कैसे ? तो सुनो..
ReplyDeleteपब्लिक को खाने-पहनने की वस्तुओं में महँगाई और बिजली-पानी के बिलों के भुगतान में उलझाकर रखो... साथ ही साथ बिजली-पानी और सड़कों की समस्याओं को हमेशा बनाकर रखो तो सरकार अच्छी चलती है.... सरकार को महत्व मिलता है... नेता को आदर मिलता है ... मंत्रीगण भगवान् की तरह पूजे जाते हैं.
सरकार सोचती है कि भरे पेट होने पर सुविधाप्राप्त लोग उनकी ही तरह हरामखोर हो जायेंगे... अत्याचार करके उन्हें 'रहमदिल' बनने का अवसर मिलता है... करप्ट नेता एक अच्छा अभिनेता भी होता है... वह घोषित चार दिन दलितों की झोपड़ी में निवास करने की खबर बनता है.. लेकिन दलित का अधिक कुछ खर्च न हो इसलिये वह एक दिन ही हरिजन के घर में रुकता है.. वह भी उस दिन उपवास रख लेता है..पेट खराब का बहाना बनाता है... करप्ट नेता बीमारी का बहाना बनाकर कोर्ट नहीं पहुँचना चाहता ... विदेश भाग जाता है ईलाज करवाने की खबर फैलाकर.
फिर दिया अवसर आतंकियों ने हम भारतीयों को संवेदनाएं प्रकट करने/कराने का...
ReplyDeleteएक और आतंकी हमले को दिया अंजाम...
दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर धमाका...
अब बयान बाजी शुरू होगी-
प्रधानमंत्री ...... हम आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देंगे ...
दिग्गी ...... इस में आर एस एस का हाथ हो सकता है
चिदम्बरम ..... ऐसे छोटे मोटे धमाके होते रहते है..
राहुल बाबा ..... हर धमाके को रोका नही जा सकता...
आपको पता है कि दिल्ली पुलिस कहाँ थी?
अन्ना, बाबा रामदेव, केजरीवाल को नीचा दिखाने में ?
स्वदेशी तो सिर्फ़ गांधी जी के समय का नारा इन लोगों ने उन्हीं के साथ विदा कर दिया.सिर पर बैठाने के लिये आयातित(माल भी)हैं न !
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