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Sunday, June 10, 2012


 आमिर खान ने जिहाद के लिए सत्यमेव जयते के रूप में कितना नैतिक रास्ता चुना है, यह जानकर इन जिहादियों की योजना कुशलता की तारीफ़ करनी पड़ेगी। देखिये क्या कर रहा है आमिर खान और उसका सत्यमेव जयते?
एक अभिनेता के बाद समाज सेवक के रूप में उभरने को आतुर आमिर खान क्या सच में समाज सेवा कर रहा है? अभी तक कुछ ऐसा लग तो रहा था किन्तु उसके शो सत्यमेव जयते ने उसकी असली पोल खोल दी। सत्यमेव जयते में भी आमिर खान ने केवल उन मुद्दों को उठाया जो कि बेहद आम हैं। कन्या भ्रूण हत्या, बाल यौन शोषण, दहेज़ आदि। अब प्रश्न यह भी उठने लगे कि क्या आमिर खान इस्लामी आतंकवाद के विषय पर भी एक शो बनाएंगे? इस्लाम में महिला यौन शोषण, लव जिहाद आदि विषयों पर कोई मुहीम छेड़ेंगे?
उत्तर यही है कि बिलकुल नहीं छेड़ेंगे, बल्कि इसे और आगे बढ़ाएंगे।
सत्यमेव जयते की आधिकारिक वेबसाईट http://www.satyamevjayate.in/ पर आमिर खान एक NGO के लिए दान मांगता रहता है। इस NGO का नाम है Humanity Trust ...
अब Humanity Trust ऐसा करता क्या है जो आमिर खान इसके लिए इतना मरा जा रहा है कि हर रविवार सुबह-सुबह भीख मांगता है। देखिये http://www.satyamevjayate.in/issue04/donate/

Humanity Trust की आधिकारिक वेबसाईट पर नज़र दौडाएं तो आमिर खान के नेक(?) विचार सामने आ गए।
http://humanitytrust.com/
इस ट्रस्ट की Executive Committee में तीन सदस्य हैं जिनके नाम है-
१.जगाबर अली
२.आर.अकीम अली
३.फज़लुथीन

ट्रस्ट के Board of Advisors इस प्रकार हैं-
१.एम्.एल. राजा मोहम्मद
२.एम्.एस.नासिक
३.ए.अहमद इजराथ
४.ए.अब्दुल आसीत

इस ट्रस्ट के मुख्य उद्देश्यों को इस वेबसाईट पर देखा जा सकता है, जिनमे से ये प्रमुख हैं-
1.·Masjid Construction assistance. (Bore/construction helps)
2. Placement assistance for Islamic youngsters (notifications about jobs across various geographies)
3. Etheemkhana (Feeding/helping/Sheltering the Orphan)

ढंग से विचार करें तो एक बहुत ही घिनौना चेहरा सामने आता है। टीवी पर सत्यमेव जयते नामक शो देखने वालों से अनुरोध है कि वे भावुकता में बहकर इस ट्रस्ट को कोई दान न दे बैठें। आपके द्वारा दिया गया दान हिंदुत्व और भारत के लिए बहुत खतरनाक सिद्ध हो सकता है। अनजाने में भी ऐसा जोखिम न उठाएं। बल्कि आमिर खान के हिंदुत्व विरोधी इस अभियान का खुला विरोध कर इस जानकारी को प्रसारित करें। हम भारतीयों की सबसे बड़ी कमी ही यह है कि बिना सोचे समझे भावुकता में बह जाते हैं और कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो बहुत घातक होता है। वो कहते हैं न- "सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी"
सब जानकारी सामने ही है किन्तु इसे खोलकर देखने की जहमत उठाना बहुत ज़रूरी है।