tag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post8741232344136520922..comments2023-08-01T17:57:29.474+05:30Comments on भारत स्वाभिमान दिवस: मुझे पलायन करने से रोक लिया दिवसhttp://www.blogger.com/profile/07981168953019617780noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-7521825745776666752013-01-01T15:36:21.270+05:302013-01-01T15:36:21.270+05:30@राजेन्द्र स्वर्णकार जी,
मैंने अकारण कुछ नहीं किया...@राजेन्द्र स्वर्णकार जी,<br />मैंने अकारण कुछ नहीं किया, न ही कुछ लिखा। ब्लॉग जगत में अच्छी-खासी मशक्कत करने के बाद सोच-समझ कर ही कुछ निर्णय लिया। जिन पर मैंने ऊँगली उठाई है, उन्हें भली-भाँती परखा है।<br />अत: अपने अनुभवों के आधार पर ही यह पोस्ट लिखी।दिवसhttps://www.blogger.com/profile/07981168953019617780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-34954610600108282492012-12-30T03:45:55.853+05:302012-12-30T03:45:55.853+05:30♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥नव वर्ष मंगबल...<b> </b> <br /><b> </b> <br />♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥<br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/" rel="nofollow">♥नव वर्ष मंगबलमय हो !♥</a></b><br />♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥<br /><br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b>झांसे में आने वाले हिन्दू खुद को ऊपर से राष्ट्रवादी दिखाते हैं किन्तु अन्दर से सेक्युलरिज्म नाम का कोढ़ मन में पाले बैठे हैं। </b> <br />राष्ट्रवादियों में भी अगर यह दोगलापन है तो चिंता की बात है !<br /><b> आदरणीय भाई दिवस जी </b><br /><b> </b> आपके ओजस्वी विचार प्रशंसनीय हैं । <br /><b> </b> आपकी लेखनी से राष्ट्रहित में सदैव सुंदर , सार्थक , श्रेष्ठ सृजन होता रहे , यही कामना है …<br /><b> </b><br /># आप कहते है - <b> यहाँ जिन लोगों को मैं राष्ट्रवादी समझ रहा था, सबसे ज्यादा निराश इन्ही ने किया । </b> <br />भाई, एक तो किसी के प्रति स्वतः कोई धारणा बना लेना , फिर उससे कोई अपेक्षा करना (स्व के लिए नहीं सर्वस्व के लिए ही सही ) कई बार निराशा की स्थिति लाता है । <br />किसी की कार्यशैली क्या है उसे हम हमेशा पहचान थोड़े ही लेते हैं । <br />यदि उससे अपनापन मानते हैं तो एक बार अपने संशय उसके आगे रखे जा सकते हैं । अकारण किसी पर संदेह भी उचित नहीं । <br /><br />अभी इतना ही ... <br /><br /><b>नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित… </b> <br />राजेन्द्र स्वर्णकार <br />◄▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼►<br /><b> </b> <br /><b> </b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-30860542921788577112012-12-26T10:54:07.373+05:302012-12-26T10:54:07.373+05:30बहुत सटीक प्रस्तुति.बहुत सटीक प्रस्तुति.Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-47247741687878405522012-12-09T14:13:22.733+05:302012-12-09T14:13:22.733+05:30Diwas ji aapa abhinandan !Diwas ji aapa abhinandan !Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-24083537955993514752012-12-02T10:25:32.242+05:302012-12-02T10:25:32.242+05:30आपका लेख सत्यता से परिपूर्ण है और ये सेक्युलर शब्द...आपका लेख सत्यता से परिपूर्ण है और ये सेक्युलर शब्द ही हिंदुओं के लिए घातक साबित हो रहा है लेकिन ये हो नहीं सकता कि सामने आ रही कठिनाइयों से घबरा कर ब्लोगिंग ही छोड़ दें जरुरत है तो दोनों पक्षों से लड़ने और मुहंतोड़ जवाब देने की !!पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-89707069273834316172012-11-30T16:05:32.966+05:302012-11-30T16:05:32.966+05:30हिन्दू होकर भी हिन्दू धर्म क्या हैं,कैसा हैं| इस क...हिन्दू होकर भी हिन्दू धर्म क्या हैं,कैसा हैं| इस की महानता से अनजान आपने ही हिन्दू बांधव हैं, बल्कि ऐसे कितने हिन्दू बांधव होंगे जिन्होंने "भगवत गीता" को देखा भी नहीं होगा,पढ़ना तो दुरकी बात| दिवस भाई आप का पोस्ट पढ़कर बहोत आच्छा लगा | आप लिखो लेकिन इनके लिए नहीं जो की भारत और हिन्दू धर्म को आज तक नोचा और आज भी नोच रहे हैं बल्कि इन लोगो के लिए जो भारत माँ और हिन्दू धर्म के लिए आपने दिल में इज्जत और आदर रखते हैं | हिन्दू धर्म प्रसार के लिए काम करना चाहते हैं | ये माना की आपने ही कुछ मतलबी लोग गदारोंके साथ मिलकर भारत माँ और हिन्दू धर्म के खिलाफ अनाब - शनाब बकते रहते हैं | और इन गदारोंके सहारे ये मुल्ले विकृत कार्य को अन्जाम देने में सफल हो जाते हैं| ऐसे लोगोंको रोखना है तो हमें मिलकर अपना कार्य आगे बढ़ाना चाहिए । अपने तारीखे से लढते रहना ही उचित होगा |<br /><br />|‘जय श्री राम ”|<br />Yuvraj Ladnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-35785259512218029832012-11-25T08:37:55.278+05:302012-11-25T08:37:55.278+05:30.
दिवस भाई , बहुत दिनों के बाद आपकी पोस्ट पढने को....<br /><br />दिवस भाई , बहुत दिनों के बाद आपकी पोस्ट पढने को मिली, बहुत अच्छा लगा ! जैसे देश के हर क्षेत्र में गन्दगी व्याप्त है , दिखावा,शक्ति और सत्ता प्रदर्शन का दौर सा चल रहा है, किंचित उन्हीं पीड़ादायी परिस्थितियों से ब्लौगजगत भी गुज़र रहा है ! हिंदी ब्लौगिंग और ब्लॉगर्स की व्यथा को आपने बखूबी लिखा है !<br /><br />आप लिखते रहिये ! राष्ट्र के प्रति जो आपका धर्म है , उसे बीच में मत छोड़ियेगा ! आपका लेखन हज़ारों के लिए प्रेरणास्रोत है! हिंदी ब्लौगिंग में सक्रीय राष्ट्रवादी एक दुसरे से ऊर्जा लेते हैं और उनका मनोबल बना रहता है ! उन सभी का संयुक्त प्रयास ही तो अपेक्षित परिणाम लाएगा !<br /><br />जय हिन्द !<br />वन्दे मातरम् !<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-3097760824471661892012-11-24T22:30:19.251+05:302012-11-24T22:30:19.251+05:30दिवस जी, आपके हर वाक्य में देश-प्रेम की अटूट झलक प...दिवस जी, आपके हर वाक्य में देश-प्रेम की अटूट झलक पाता हूँ। एक वर्ग-विशेष का इतिहास में कोई भी ऐसा मज़बूत उदाहरण नहीं जो बहुसंख्यक मतावलंबियों को विश्वास दिला दे कि वे उनसे भविष्य में फरेब नहीं करेंगे, धोखा नहीं देंगे, पीठ में छुरा नहीं घोंपेंगे। किन्तु ढूँढने से बामुश्किल वर्तमान में सेना के कुछ जवान मिलेंगे या फिर हिन्दू धर्म से प्रभावित होकर एक-आद अल्पसंख्यक, जिनके खिलाफ फतवा निकल गया होगा या निकलने की तैयारी में होगा।<br /><br /><br />आप फिर से अपने विचारों के प्रवाह को ब्लॉग पर गतिमान करने जा रहे हैं ... सुखद है। आपकी उन राष्ट्रीय आँखों से देश में घटित होने वाली हर उस घटना को देखना चाहेंगे जो सामान्य आँखों से भ्रमित रहा करती हैं। बिकाऊ मीडिया के मदारीपन में उलझकर जमूरा बन जाती है।<br /><br /><br />आपके राष्ट्रीय जूनून को पूजने को जी चाहता है। राष्ट्र के हितेषियों को पहचानने की आपके पास आँखें हैं। पाखंडियों की पहचान उनके दोगले वक्तव्यों से की जाती है ... पाखंडियों को वही जानेगा जिनका हर-कहीं आना-जाना हो। इसलिए बिना किसी परहेज के ऐसों के यहाँ आये-जाएँ जरूर। कमेन्ट देने की हर कहीं ज़रूरत नहीं। अपने कर्म क्षेत्र में डटे रहें। शुभकामयें।प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-3296073812576741112012-11-24T17:00:28.875+05:302012-11-24T17:00:28.875+05:30राष्ट्रवादी होते ही हैं तमाम तरह के कष्ट उठाने के ...राष्ट्रवादी होते ही हैं तमाम तरह के कष्ट उठाने के लिए... उन्होंने तमाम विरोध झेले हैं और झेलने होंगे... इन सब विपत्तियों में रहकर हमे लड़ना होगा. मैदान छोड़ने से काम नहीं चलना, <br />दिव्या जी के लिए कहना चाहूँगा की उनका लिखा हुआ वाकई काबिलेतारीफ है... खासकर महिला होकर.लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-494967273069849228.post-58173522317987457002012-11-24T16:05:26.428+05:302012-11-24T16:05:26.428+05:30मुझे लगता है की "जैसे को तैसा" की तर्ज प...मुझे लगता है की "जैसे को तैसा" की तर्ज पर एक राष्ट्रवादी लेखको का समूह बनना चाहिए ॥ताकि जेहादी और मुल्लापरस्त सेकुलर हिन्दू श्वान कभी भी कोई वाहियात हरकत न कर सके ॥ आशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.com