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Thursday, November 17, 2011

सी.बी.आई. को चिदंबरम की खुली धमकियां| जियो डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी...

कांग्रेस की संगत का असर देश की प्रमुख जांच एजेंसी सी.बी.आई. पर साफ़ दिखाई दे रहा है| यहाँ तक कि हरामखोरी भी सीख डाली| खैर गुरु चेले की लड़ाई में गुरु अपने पास एक न एक ऐसा गुप्त हथियार तो रखता ही है जिससे कि कभी चेला गुरु के सामने सर उठाने की कोशिश करे तो उसका सर कुचला जा सके|


जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, आदर्श सोसायटी घोटाला व 2G स्पेक्ट्रम घोटाला, सभी में डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार का जीना हराम कर रखा है| यहाँ तक कि देश कि सर्वोच्च जांच एजेंसी सी.बी.आई. की नाक में भी नकेल कस रखी है| सी.बी.आई से वही काम करवा रहे हैं जो यह एजेंसी करना ही नहीं चाहती| जब सुप्रीम कोर्ट का हथोडा सर पर पड़ेगा तो कोई क्या करेगा?

करीब दो सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सी.बी.आई. को यह आदेश दे दिया था कि वह तीन दिन के अन्दर 2G घोटाले में चिदंबरम का नाम आने सम्बन्धी सभी फाइलें डॉ. स्वामी को सौंप दे| बारह दिन निकलने के बाद भी जब डॉ. स्वामी को वे फाइलें नहीं मिलीं तो उन्होंने फिर से विशेष अदालत के जज श्री ओ.पी.सैनी से इससे सम्बंधित पूछताछ की| ऐसे में स्पेशल कोर्ट ने सी.बी.आई. को जम कर लताड़ा| जैसा कि आजकल सरकार भी ऐसी नित नयी फटकारें सुप्रीम कोर्ट द्वारा खाती ही रहती है| सी.बी.आई. पर कांग्रेस की संगत का सबसे बुरा असर यही हुआ है|
फटकार पड़ने के बाद सी.बी.आई. के वकील ए.के.सिंह ने १७ नवम्बर तक सभी सम्बंधित फाइलें डॉ. स्वामी को सौंपने का आश्वासन सुप्रीम कोर्ट को दे दिया है|

2G घोटाले के चलते डॉ. स्वामी की कृपा से पहले ही अच्छी खासी शख्सीयतें तिहाड़ वास कर ही रही हैं, साथ ही स्मरण रहे कि डॉ. स्वामी यह भी कह चुके हैं कि एक बार सभी फाइलें उनके हाथ लगते ही पंद्रह दिन के भीतर चिदंबरम भी तिहाड़ दर्शन कर लेगा| अब ऐसे समय में सी.बी.आई. के पाले में गेंद को देखकर उसे चुप रखना चिदंबरम की सबसे बड़ी मजबूरी थी|
अभी कुछ दिन पहले ही अहमदाबाद में हुए एक कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते समय डॉ. स्वामी ने कहा कि सी.बी.आई. का वर्तमान निदेशक उनका शिष्य रह चूका है, जिसने उन्हें बताया था कि चिदंबरम ने सी.बी.आई. को खुली धमकी दी है कि 2G घोटाले में उससे सम्बंधित कोई भी फ़ाइल यदि डॉ. स्वामी तक पहुंची तो वह सम्बंधित अधिकारियों की सीआर खराब कर देगा|
अब यह तो कभी बताने की जरुरत ही नहीं कि सी.बी.आई. गृह मंत्रालय के अधीन है| साथ ही यह भी बताने की जरुरत नहीं कि चिदंबरम अथवा कांग्रेस सी.बी,आई, का आखिर क्या बिगाड़ लेंगे?
किसी भी आई.पी.एस. अधिकारी की सीआर खराब हो जाने से उसका पूरा करियर चौपट हो सकता है| इसके अच्छे खासे उदाहरण सी.बी.आई. के पूर्व संयुक्त निदेशक श्री यू.एन.विश्वास हैं, जिन्होंने चारा घोटाले सम्बंधित कड़ी जांच में कांग्रेस तक कि चूलें हिला दी थीं| अब इसका दंड तो उन्हें मिलना ही चाहिए, आखिर कांग्रेस से जो पंगा ले लिया| अत: जांच पूरी होने के बाद उनके अगले प्रोमोशन को रोक दिया गया व साथ ही सीनियर होने के बावजूद उन्हें सी.बी.आई. के निदेशक के पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया| इतने से भी पेट नहीं भरा तो ऐसी परिस्थितियाँ खड़ी कर दीं कि श्री विश्वास अपनी पेंशन पाने के लिए अंत तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते रहे| इतना ही नहीं चारा घोटाले में जांच सम्बन्धी अन्य आई.ए.एस. अधिकारियों के भी प्रोमोशन रोक दिए गए|
इसी प्रकार याद होगा जब देश की पहली महिला आई.पी.एस. अधिकारी किरण बेदी के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया गया था| राजिव गांधी का चालान काटने व इंदिरा गांधी की गाडी नो पार्किंग से उठाने का दंड उन्हें कभी तिहाड़ जेल में पोस्टिंग के रूप में मिला तो कभी उनको छोड़कर उनसे दो वर्ष जूनियर ऑफिसर को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाकर मिला|

खैर ये सब तो कांग्रेसी तानाशाही की दास्तानें हैं, अधिकतर तो जानते ही हैं|
मुख्य बात ये है कि डॉ. स्वामी के दावों के कारण चिदंबरम व सोनिया के हलक से पानी भी नहीं उतर रहा| डॉ. स्वामी का दावा है कि 2G घोटाले में चिदंबरम ने करीब दस हज़ार करोड़ रुपये की दलाली खाई है| डॉ. स्वामी का यह भी कहना है कि तात्कालिक वित्तमंत्री व वर्तमान गृहमंत्री के अनुमोदन व हस्ताक्षर से युक्त दस्तावेज स्पेक्ट्रम घोटाले में उनकी मिलीभगत साबित करते हैं। सोनिया को यह डर है कि यदि चिदंबरम पकड़ा गया तो उसके पचास हज़ार करोड़ का भांडा भी फूटा ही समझो|

डॉ. स्वामी न होते तो पता नहीं कौन कांग्रेस की काली करतूतों का पर्दाफाश करता व कौन भाजपा के लिए सत्ता के गलियारों तक पहुँचने का रास्ता साफ़ करता? खैर अभी भी भाजपा सजग हो जाए तो उसे वह गौरवपूर्ण स्थान मिल सकता है जिसकी वह अधिकारी है|

अंत में जाते-जाते एक खबर यह भी है कि कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी ने अपने भाषण में उत्तर प्रदेश के युवाओं को भिखारी कहा है| मुझे तो लगता है कि अब इसके खुद के भिखमंगे बनने के दिन आने वाले हैं|